Combination Set In Hindi | कॉम्बीनेशन सैट क्या है.? | StudyWithAMC
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक और हमारे नए ब्लॉग में इसमे हम लोग बात करने वाले हैं की कॉम्बिनेशन सेट क्या है? Combination Set In Hindi :
Combination Set In Hindi | कॉम्बीनेशन सेट क्या है.?
वह उपकरण जिसमे स्क्वायर हैड, प्रोट्रैक्टर हैड तथा सेन्टर हैड को स्टील रूल पर लगाकर प्रयोग किया जाता है उसे कॉम्बीनेशन सैट कहते हैं | Combination Set का मतलब ही यही है की इसमे अलग अलग टूल को लगाकर इसका प्रयोग किया जा सकता है| अलग अलग प्रकार के जॉब को बनने के लिए अलग अलग टूल को इसमे लगाकर इसका इस्तेमाल किया जाता है|
इसके मुख्यता तीन भाग होते हैं, यह मशीन शॉप या फिटिंग शॉप का एक अहम् उपयोगी उपकरण है|
कॉम्बीनेशन सैट के कितने भाग होते हैं .?
Combination Set के मुख्यता तिन भाग होते हैं :-
(1) स्क्वायर हैड
(2) प्रोट्रैक्टर हैड
(3) सेन्टर हैड
ऊपर बताये गये किसी भी हैड को स्टील रुल पर अपने जरुरत के अनुसार उपयोग किया जा सकता है| इसमे प्रयोग होने वाले स्टील रुल में मार्किंग की पिछली सतह पर एक ग्रूव बना होता है जिसमे इस तीनो हैड में लगी लॉकिंग पिन का एक सिरा फसा रहता है| लॉकिंग पिन की सहायता से ही हैड को किसी भी माप के स्थान पर लॉक किया जा सकता है| एक बात ध्यान देने वाली यह है की Combination Set का साइज़ स्टील रुल की लम्बाई द्वारा ही लिया जाता है|
कॉम्बीनेशन सैट के भाग के बारें में बताएं :
जैसा की मैंने ऊपर आपको बताया की Combination Set के तीन भाग होते हैं तो अब इन तीनो भाग के बारे में थोडा डिटेल से जान लेते हैं :
(1) स्क्वायर हैड :- इसे स्टील रुल पर लगाकर उपयोग में लाया जाता हैं, ये एक साइड 90° का कोण तथा दूसरी साइड 45° का कोण मापती है| यह कास्ट स्टील का बना हुआ होता हैं| इसके बिच वाले भाग में स्पिरिट लेवल होता है जिसका प्रयोग सतह की समतलता की जान करने में किया जाता है साथ ही इसके निचे एक स्क्राइबर लगा रहता है इसका प्रयोग मार्किंग गेज़ के ही तरह मार्किंग करने में किया जाता है|
(2) प्रोट्रैक्टर हैड :- प्रोट्रैक्टर हैड वृताकार के आकर की होती है इसके बीच में वृत्ताकार प्लेट घूमती है। इस प्लेट पर 0° से लेकर 180° तक दोनों और निशान बने होते हैं| इसकी डिस्क पर लॉक बोल्ट तथा नट लगी होती है, जिसका उपयोग स्टील रूल प्रोट्रैक्टर हैड को कसने के लिए किया जाता है| यह कास्ट स्टील का बना होता है साथ ही इसमे भी लेवल चेक करने के लिए एक छोटा सा स्पिरिट लेवल लगा होता है|
(3) सेन्टर हैड :- ऊपर चित्र में देख पा रहें होंगे दाहिने तरफ एक V आकर का टूल लगा हुआ है इसे ही सेंटर हैड कहते हैं , इसका कोण 90° का होता है| इसमें स्टील रूल को पकड़ने के लिए इसके बीच में एक झिर्री बनी होती है। और इसके लम्बवत् एक क्लैम्पिंग बोल्ट लगाया जाता है। स्टील रूल को क्लैम्प करने पर इसकी एक साइड ‘V’ के अन्दर बने 90° के कोण को दो बराबर 45° के कोणों में बाँटती है। इसका उपयोग वृत्ताकार जॉब का सेन्टर ज्ञात करने में किया जाता है। इसीलिए इसे सेन्टर हैड कहते हैं। सेन्टर ज्ञात करने के लिए सेन्टर हैड को सिलेण्ड्रीकल जॉब से सटाकर रखते हैं तथा स्टील रूल से इसके फेस पर लाइन खींच देते हैं। अब सेन्टर हैड को लगभग 90° घुमाकर तथा जॉब से सटाकर फिर लाइन खींच देते हैं। इस प्रकार खींची गई लाइनों का काट बिन्दु ही केन्द्र बिन्दु होता है।
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Sir ppt send kar sakte hai
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