Type Of Files | फ़ाइल (रेतियों) के प्रकार और उपयोग व पार्ट के नाम - StudyWithAMC : ITI, Apprentice, Technical Trade, Govt Jobs

Post Top Ad

शनिवार, 6 मार्च 2021

Type Of Files | फ़ाइल (रेतियों) के प्रकार और उपयोग व पार्ट के नाम

दोस्तों इस पोस्ट में हमलोग रेतियाँ (Files) के बारे में जानने वाले हैं। रेतियों का वर्गगीकरण (Classification Of Files) , लंबाई के अनुसार (According to Length), आकृति के अनुसार (According to Shape), कट के अनुसार (According to Cu) और ग्रेड के अनुुुसार (According to Grade) । इनसे एक न एक प्रश्न परीक्षा में जरूर पूछे जाते हैं और साथ ही इसकी जानकारी हर ITI करने वाले ट्रेनियों को होनी चाहिए क्योंकि अक्शर लोग इसके बारे में पूछ लेते हैं। तो चलिए अब अपने टॉपिक की तरफ चलते हैं।
रेतियाँ (Files) क्या है और रेतना किसे कहते हैं .?

किसी धातु की सतह पर से रगड़ कर पदार्थ को थोड़ी मात्रा में हटाने की क्रिया को रेतना (Filing) कहते हैं। अब बात आती है कि रेती किसे कहते हैं तो रेतने की प्रक्रिया को पूरा करने में जिस औजार को उपयोग में लाया जाता है उसे रेती (File) कहते हैं।

ज्यादातर ये औजार फिटर द्वारा हाथ से प्रयोग में लाया जाता है। क्योंकि फिटर को 75% कार्य हाथ के द्वारा ही करना पड़ता है।

रेती का उपयोग :- रेती का उपयोग कर के किसी भी धातु के साथ को चिकना किया जा सकता है, या फिर इसके प्रयोग से किसी भी जॉब के एज को चिकना किया जा सकता है। 

File के पार्ट का नाम | Parts Name Of Files

चित्र में फ़ाइल के पार्ट का नाम दिखाया गया है।

टैंग (Tang) :- रेती का वह नुकीला भाग जो लकड़ी के हत्थे में प्रवेश करता है। उसे टैंग कहते हैं।

प्वाइंट (Point) :- रेती के अंतिम सिरे को प्वाइंट या टिप कहते हैं।

फलक (Face) :- रेती का वह चौड़ा भाग जिस पर दांते बने होते है। फलक कहलाता है।

एड़ी (Heel) :- फलक और टैंग के बीच वाले भाग को ऐड़ी कहते हैं। ऊपर चित्र में दर्शाया गया है।

प्रभावी लंबाई (File Effective Length) :- प्वाइंट एवं एडी की लंवबत दूरी या फिर कहें तो टैंग को छोड़कर रेती के शेष भाग की लंबाई को रेती की प्रभावी लंबाई कहते हैं।

रेतियाँ किस धातु (Metals) के बनाये जाते हैं .?

रेती सामान्यतः उच्च कार्बन इस्पात (High Carbon Steel) के बनाये जाते हैं। अथवा टंगस्टन इस्पात से फोर्ज करके बनाई जाती है। इसके बाद इस पर दांते बनाये जाते है फिर कठोरिकरण (Hardening) व पायनिकरण (Tempering) नामक ऊष्मा उपचार (Heat Treatment) किये जाते है।

यदि मृदु इस्पात (Mild Steel) की रेती बनानी हो तो इसका पृष्ठ कठोरिकरण (Case Hardening) किया जाता है।

हमारे लेखक जल्द ही इस पोस्ट में और जानकारी जोड़ेंगे...

Post Top Ad