फिटर किसे कहते हैं ? ITI Fitter क्या है ? ITI Fitter Information ITI Fitter Question - StudyWithAMC : ITI, Apprentice, Technical Trade, Govt Jobs Anil Sir ITI

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बुधवार, 29 जनवरी 2020

फिटर किसे कहते हैं ? ITI Fitter क्या है ? ITI Fitter Information ITI Fitter Question

ट्रेड परिचय सुरक्षा व सावधानियाँ (Introduction to trade , safety and precautions ) iti fitter kya hai  iti fitter information iti fitter question
                             ITI fitter in Hindi


फिटर क्या है | fitter kya hai | what is fitter | 
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फिटर (fitter) - अलग अलग पार्ट्स को जोड़ कर मशीन का रूप देता है जिसमे कुछ कार्य उसे मशीन पर तथा कुछ बेंच पर भी करना परता है। फिटर (fitter) को 75 % कार्य हाथ से करना पड़ता है तथा 25 % कार्य मशीनो पर करता है ।

फिटर किसे कहते हैं ? | Fitter Kise Kahte Hain

अलग अलग पार्ट्स को जोड़ कर जो मशीन का रूप देता है या किसी भी तरह के फिटिंग का कार्य करता है उसे फिटर कहते हैं | जैसा की उपर बताया गया है की फिटर को 75% कार्य हाथो के द्वारा ही करना पड़ता, फिटर मशीन पर बहुत कम ही काम करते हैं|

फिटर का क्या कार्य है (fitter ka kya kaam hai )  फिटर क्या काम करता है ( fitter kya kaam karta hai )

फिटर (fitter) को 75 % कार्य हाथ से करना पड़ता है तथा 25 % कार्य मशीनो पर करता है । जो फिटर (fitter) जिस कार्य में दक्षता प्राप्त कर लेता है उसे उसी प्रकार के नाम से पुकारा जाता है ।

फिटर का पूर्ण रूप क्या है (what is the full form of fitter ) fitter trade fitter ka full form

FITTER ( fitter ka full form ) फिटर का फुल फॉर्म फिटर का पूरा नाम क्या है?

✅ F - Fitness (शारीरिक रूप से सुदृढ़ ) fitter ka full form
✅ I - Intelligent  (मानसिक रूप से सुदृढ़) fitter ka full form
✅ T - Talented  (कार्य सिखने की योग्यता ) fitter ka full form
✅ T -
✅ E - Efficient  (कार्य करने में कुशल ) fitter ka full form
✅ R - Regularity  (नियमितता ) fitter ka full form

फिटर कितने प्रकार के होते है (types of fitter ) iti fitter information


फिटर को कार्य के अनुसार 6 भागों में बाँटा गया है 

✅ बेंच फिटर (bench fitter) - बेंच फिटर एक मौलिक फिटर है जो हर तरह की बेसिक जानकारी रखता है और अन्य फिटरों का कार्य भी सुचारु रूप से कर सकता है । बेंच फिटर को शारारिक व मानशिक रूप से मजबूत होना चाहिए ।
✅ पाइप फिटर (pipe fitter) - ये फिटर घरेलु पानी की पाइप गैस लाइन पाइप तथा प्लम्बर कार्य आदि करने में सक्षम होने चाहिए ।
✅ डाई फिटर (die fitter) - आधुनिक युग में लगभग सभी वस्तुओं को डाई के द्वारा ही मोल्ड किया जाता है । डाई से कम समय में एक जैसी अनेक वस्तुएं बनाई जा सकती है । 

कुशलता के आधार पर फिटर निम्नलिखित हो सकते है 

  1. मशीन टूल फिटर (machine tool fitter)
  2. ऑटो फिटर (auto fitter)
  3. पेट्रोल या डीजल इंजन फिटर (petrol or diesel engine fitter)
  4. विधुत फिटर (electric fitter)
  5. खान फिटर (mining fitter)
  6. रेलवे में लोकोमोटिव फिटर (locomotive fitter in railway)
  7. टरबाइन फिटर (turbine fitter)
✅ ताला फिटर (lock fitter) - इस तरह के फिटर सभी प्रकार के ताले व चाभियाँ बनाने में सक्षम होते है ।
मेंटेनेंस फिटर (maintenance fitter) - इस प्रकार के फिटर मशीनों की मरम्मत व देखभाल का कार्य करते हैं । या फिटर मशीनो पर उन्हें दुबारा ठीक करता है ।
✅ असेंबली फिटर (assembly fitter) - इस प्रकार के फिटर अलग अलग पुर्जों को जोड़कर मशीन का रूप देते हैं इसके लिए उन्हें असेम्ब्ली का ज्ञान होना बहुत जरुरी है ।

फिटर को निम्नलिखित कार्यो में निपुण होना चाहिए 

  1. फाइलिंग (filing)
  2. कटिंग (cutting)
  3. ड्रिलिंग (drilling)
  4. मापना (measuring)
  5. रीमिंग (reaming)
  6. टेपिंग (tapping)
  7. थ्रेडिंग (threading)
  8. वेल्डिंग (welding)
  9. ग्राइंडिंग (grinding)
  10. मरम्मत (maintenance)
  11. टर्निंग (turning)
  12. खुरचना  (scraping)

दुर्घटना क्या है दुर्घटना के क्या कारण है
( what is accident ) (accident kya hai ) fitter trade 

दुर्घटना (accident) - किसी अनिश्चित समय तथा अनजाने में जान व माल की हानि का होना दुर्घटना कहलाती है । कई दुर्घटनाएं श्रमिक की कार्य की तरफ अरुचि व सुरक्षा नियमो का सही तरीके से पालन न करने से होती है ।

✅ दुर्घटना होने का मुख्य कारण निम्नलिखित प्रकार के होते है 

उत्सुकता , चलती मशीन से छेड़छाड़ करना , आसपास का वातावरण , मशीनों और टूलों की स्थिति , अज्ञानता , ज्यादा विश्वाश , कार्य में अरुचि का होना..

सुरक्षा सावधानियाँ (Safety & Precautions) :-

कार्यशाला में कार्य करते समय प्रत्येक कारीगर को अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए । क्युकी आपने सुना होगा की सावधानी हटी और दुर्घटना घटी इस लिए कार्य करते समय छोटी छोटी गलतियों पर भी ध्यान रखना चाहिए । सुरक्षा सामान्यता तीन प्रकार के होते हैं ।

  1. अपनी सुरक्षा (Self Safety)
  2. सामान्य सुरक्षा (General Safety) 
  3. मशीन की सुरक्षा (Machine Safety)

अपनी सुरक्षा (Self Safety) : - कारीगर को अपनी सुरक्षा के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :-


✅ मशीन पर कार्य करते समय कभी भी ढीले कपडे नहीं पहनने चाहिए ।

कारखानों में नंगे पाँव कार्य नहीं करना चाहिए , चप्पल या जूतों का इस्तेमाल करना चाहिए ।

✅ कार्य पूरी लगन और ध्यान से करना चाहिए ।

✅ मशीन पर कार्य करते समय घडी , अंगूठी , टाई , या कडा आदि नहीं पहनना चाहिए ।

✅ चलती मशीन को कभी भी हाथ से नहीं रोकना चाहिए ।

✅ जिस मशीन के बारे में जानकारी ना हो उसे खुद से नहीं चलाना चाहिए जब तक वहां कोई बताने वाला न हो ।

✅ कार्य करते समय किसी के साथ मजाक नहीं करना चाहिए नहीं तो मजाक मजाक में ही किसी की जान में जा सकती है चलती मशीन से ।

✅ मशीन द्वारा कटा हुआ बुरादा हाथ से नहीं हटाना चाहिए , इसके लिए क्लीनिंग ब्रूस का उपयोग करना चाहिए ।

✅ जिस भी मशीन पर कार्य कर रहें हो वहां अच्छी रौशनी की व्यवस्था होनी चाहिए अँधेरे में मशीन का उपयोग नहीं करना चाहिए ।

✅ आँखों की सुरक्षा के लिए हमेशा चश्मे का प्रोयोग करना चाहिए ।


सामान्य सुरक्षा (General Safety) :- सामान्य सुरक्षा के लिए कारीगर को निम्न बातो पर ध्यान देना चाहिए :-

✅ जिस मशीन के बारे में जानकारी ना हो उसे नहीं चलाना चाहिए ।

✅ मशीन को चलाने से पहले उसे अच्छी तरह से साफ़ कर उसमे तेल , ग्रीस आदि डाल देना चाहिये ।

✅ चलती मशीन की कभी मरम्मत नहीं करनी चाहिए , मशीन को ठीक करने से पहले मेन स्विच जो जरुर बंद करें ।

✅ मशीन को बंद करने के बाद कभी भी घूमते हुए पार्ट को हाथ से नहीं रोकना चाहिए ।

✅ चल रही मशीन पर सहारा लेकर खड़ा नही होना चाहिए ।

✅ मापी औजार को कटिंग टूल से अलग रखना चाहिए ।

मशीन की सुरक्षा (Machine Related Safety) :- कारीगर को मशीन को निजी संम्पत्ति मानकर उसकी सुरक्षा व रख रखाव करना चाहिए, खराब मशीन से उत्पादन की गति धीमी पर जाती है , मशीन के साथ साथ समस्त औजारों की भी देखभाल करनी चाहिए। मशीन से सम्बंधित सुरक्षा में निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :-

✅ जिस मशीन पर कार्य करना हो उसकी पूर्ण जानकारी होनी चाहिए ।

✅ कार्य करने से पहले मशीन की जानकारी ले लेनी चाहिए की मशीन ठीक से कार्य कर रही है या उसमे कुछ खराबी है ।

✅ चलती मशीन पर कभी भी किसी मापी यन्त्र से माप नहीं लेना चाहिए ।

✅ जब मशीन गति में हो तो उसके गियर को नहीं बदलना चाहिए , इससे गियर टूट सकती है ।

✅ चलती मशीन को छोड़ कर बहार नहीं जाना चाहिए क्युकी कोई अनजान कारीगर दुर्धटनाग्रस्त हो सकते है अनजाने में ।

✅ कार्य के बाद मशीन को हमेशा साफ़ करना चाहिए ।

✅ बिजली के नंगे तारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए इससे बिजली के झटके लगने की सम्भावना बढ़ जाती है ।

✅ औजार तथा अन्य चीजों को चलती मशीन से दूर रखना चाहिए ।



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