ऑटोमोबाइल
इंजीनियरिंग
दो आघात इंजनों में, क्रेंक शाफ्ट के एक चक्कर में एक शक्ति आघात होता है, जबकि चारा आघात इंजन में दो चक्करों में एक शक्ति आघात होता है। इस प्रकार सामान क्षमता तथा गति के लिए दो आघात इंजन में चार आघात इंजन की तुलना में लगभग दोगुनी शक्ति पैदा होती है।
क्योंकि प्रति क्रेंक चक्कर के लिए एक कार्यकारी आघात होता है इसलिए घुमाऊ घूर्ण बिल्कुल समान होता है तथा हल्के भार का फ्लाई व्हील काफी होता है। इसलिए दो आघात का इंजन हल्के वाहन जैसे- स्कूटर आदि के लिए बहुत उपयोगी है।
दो आघात इंजन के लिए भार शक्ति अनुपात कम होता है। इसी कारण दो आघात इंजन का प्रयोग मैरीन इंजनों में अधिक उपयोगी है।
दो आघात इंजनों में जटिल वाल्व मेकेनिज्म नहीं होता। अतः दो आघात इंजनों में, चार आघात इंजन में गतिशील अंगों के कारण होने वाले शोर एवं स्नेहन की परेशानी, दूर हो जाती है तथा वाल्व रोक कर, कैम तथा कैम शाफ्ट ना होने के कारण उसकी यांत्रिक दक्षता अधिक होती है।
दो आघात इंजन किसी भी दिशा में चल सकता है। इसलिए Reversing Gear की आवश्यकता नहीं है ।
ड्यूअल चक्र, ऑटो चक्र तथा डीजल चक्र का संयोजन है इसलिए यह ड्यूअल अथवा मिश्रित चक्र कहलाता है । इस चक्र पर कार्य करने वाले इंजन संपीडन प्रज्ज्वलन इंजन कहलाते हैं।
परिमाणात्मक गवर्निंग में सिलेंडर को प्रेषित वायु व ईंधन के मिश्रण की मात्रा भार के अनुसार परिवर्तित होती है , जबकि मिश्रण सामर्थ्य अर्थात वायु ईंधन अनुपात लगभग स्थिर रखा जाता है।
गुणात्मक गवर्निंग के अंतर्गत स्थिर वायु के परिमाण के साथ परिवर्तित ईंधन की मात्रा की आपूर्ति की जाती है।
हिट एवं मिस गवर्निंग में छोटे आकार के हल्के तेल इंजनों में हिट एवं मिस गवर्निंग मेकेनिज्म निकास वाल्व पर कार्य करता है। जब इंजन की गति अत्यधिक उच्च हो जाती है तो यह निकास वाल्व के खुलने को रोकता है। जली हुई गैस सिलेंडर में रोक ली जाती है तथा बारी-बारी से संपीड़ित एवं प्रसारित की जाती है ,जब तक की गति कम नहीं हो जाती। कुछ दशाओं में ईंधन प्रवेश वाल्व बंद रखा जाता है तथा सिलेंडर में कोई ईंधन प्रवेश नहीं कराया जाता तथा इंजन एक निष्क्रिय चक्र बनाता है।
तरल हाइड्रोकार्बन ईंधनों को महीन कणों में वाष्पीकरण करने तथा इच्छित अनुपात में इसे वायु के साथ मिश्रित करने की क्रिया को कारबुरेशन कहते हैं। दूसरे शब्दों में ईंधन तथा वायु का तैयार करना कारबुरेशन कहलाता है।
वह युक्ति जिससे वह क्रिया की जाती है, कारबुरेटर कहलाती है।
सरल कारबुरेटर रचना में एक प्लोट चैम्बर, दो प्लोट, एक ईंधन जैट, एक थ्रॉटल वाल्व, एक वेन्चुरी ट्यूब तथा एक चोक वाल्व होता है।
कॉमन रेल सिस्टम एक Common Header अथवा Accumulator जो इंजेक्शन नॉजल को ऑयल भेजता है, में फ्यूल पंप से दाब सहित ऑयल भेजा जाता है। इंजेक्शन नॉजल कैम से चलता है। फॉलोअर कॉलम के बीच Wedge के द्वारा ऑयल की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए निडिल वाल्व का स्ट्रोक नियंत्रित किया जाता है। Wedge की गति मानव द्वारा अथवा गवर्नर के द्वारा नियंत्रित की जाती है।
Bangali
Right side Translate ka option hai waha se Bangali select kar ke read karen.. Dhaniyabad